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दुनिया भर की ऑयल कंपनियां चीन को छोड़कर भारत के पीछे क्यों पड़ी?

India Attracting Global Oil Players :भारत और चीन में कई क्षेत्रों में सुधार जारी है। ऑयल क्षेत्र में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। इसलिए भारत को दुनिया भर की ऑयल कंपनियों ने देखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अगले वर्ष भी भारत का मुकाबला नहीं कर पाएगा।

चीन से अधिक कच्चे तेल की मांग भारत में बढ़ी है।

जिससे कई विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती हैं। भारत ने अपनी ऑयल डिमांड में चीन को पीछे छोड़ दिया। दिल्ली: वर्तमान में कई ऑयल कंपनियों ने भारत को अपना लक्ष्य बनाया है। इसका कारण भारत में ऑयल की बढ़ती मांग है। भारत 2024 में चीन को पीछे छोड़ देगा। यही नहीं, भारत की तेल मांग 2025 तक चीन से अधिक नहीं होगी। NSP ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स ने यह बताया है। एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स ने कहा कि भारत दुनिया में ईंधन की खपत में सबसे तेजी से बढ़ रहा है।

इसलिए भारत में रिफाइनरी का विस्तार हो रहा है। क्रूड ऑयल की मांग भी बढ़ी है। भारत ने चीन से अधिक तेल खपत किया है। इससे विदेशी कंपनियां भारत में अपनी संभावनाओं की खोज कर रही हैं। भारत विश्व में प्रगति करेगा, एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स में मैक्रो और ऑयल डिमांड रिसर्च के विश्व प्रमुख कांग वू ने कहा कि भारत दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया के कई देशों को ऑयल की मांग में पीछे छोड़ सकता है। भारत चीन से कितना अग्रणी है? इकॉनमिक टाइम्स ने वू को बताया कि साल 2025 तक भारत की तेल मांग 3.2% की तेजी से बढ़ेगी।

चीन से  भारत कितना आगे?

चीन में इस वृद्धि का अनुमान 1.7 प्रतिशत रह सकता है। चीन की तेल मांग, एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 के पहले 10 महीनों में 1,48,000 बैरल प्रतिदिन, या 0.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं भारत में प्रतिदिन 1,80,000 बैरल की मांग थी। नतीजतन, चीन की तुलना में भारत की ऑयल की मांग 3.2% बढ़ी। इसलिए भारत की रिफाइनिंग क्षमता 2025 तक बहुत बढ़ेगी।

भारत ने  कहा से क्या आयात किए हैं?

भारत को अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, साउथ अमेरिका और साउथ-ईस्ट एशिया से तेल और गैस की आवश्यकता होती है। 80% से अधिक कच्चे तेल भारत आयात होता है। सरकार ने घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाकर आयात कम किया है।

रूस पर कम निर्भरता  कर सकता भारत।

रूस से आने वाले तेल में छोटा सा हिस्सा शामिल है। डेटा के अनुसार, भारत ने अक्टूबर से नवंबर में रूस से 13 प्रतिशत कम तेल खरीदा। साथ ही, मध्य ईस्ट से तेल खरीदने की भारत की क्षमता भी बढ़ी है। तेल, साबुन, कॉफी, चाय और कई अन्य उत्पादों की कीमतें बीस प्रतिशत तक बढ़ने वाली हैं, और महंगाई अभी भी जारी रहेगी। चीन की गिरावट का कारण क्या था? चीन में पिछले कुछ वर्षों में तेल की मांग में कमी आई है। मुख्य कारण चीन में इलेक्ट्रिक कार की बिक्री की तेजी है। चीन में पेट्रोकेमिकल उत्पादों की मांग बहुत कम होगी। यही कारण है कि चीनी तेल की मांग आंशिक रूप से कम होगी।

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