म्यूचुअल फंड सही है, लेकिन ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी SIP से पहले इन बातों का ध्यान रखें।

म्यूचुअल फंड सही है, लेकिन ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी SIP से पहले इन बातों का ध्यान रखें।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने का तरीका: ठीक समय पर नियमित निवेश आपके भविष्य को सुरक्षित करता है, आपको कई टैक्स से बचाता है, और वित्तीय संकटों में बहुत फायदेमंद होता है।
यही कारण है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करना सबसे अच्छा हो सकता है।

यद्यपि म्युचुअल फंड में निवेश करना एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है, सही म्युचुअल फंड का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि इस लेख में हम आपको विभिन्न म्युचुअल फंडों की जानकारी देने की कोशिश करेंगे, जिससे आप अपने सही म्युचुअल फंड को चुन सकें।

अपने निवेश का उद्देश्य स्पष्ट करें

सबसे पहले, आपका निवेश करने का मकसद स्पष्ट होना चाहिए। ठीक म्युचुअल फंड चुनना बहुत आसान है अगर आपने निवेश का मकसद और लक्ष्य निर्धारित कर लिया है।

आपको बताना चाहिए कि आप बचत करना चाहते हैं, शादी करना चाहते हैं, यात्रा करना चाहते हैं या लंबी अवधि के लिए रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा या बेहतर रिटर्न के लिए निवेश करना चाहते हैं। इक्विटी में निवेश करना, अगर आप लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न चाहते हैं, तो एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

जोखिम सहनशीलता का परीक्षण करें

म्यूचुअल फंड में निवेश करना जोखिमपूर्ण है। ऐसे में, आपको इससे जुड़े खतरे के बारे में भी पता होना चाहिए। आप अपना म्यूचुअल फंड चुनते समय विचार करना चाहिए कि आप जोखिम उठाने को तैयार हैं या नहीं।

उच्च खतरा: इक्विटी फंड्स को चुनें अगर आप उच्च रिटर्न के लिए तैयार हैं।

मध्यम खतरा: हाइब्रिड फंड्स: इक्विटी और डेट का एक संयोजन

कम खतरा: डेट फंड्स या मनी मार्केट फंड्स

फंड की श्रेणियाँ

फंड का प्रकार चुनते समय इसका ध्यान रखें कि वे अलग-अलग अवधि के लिए अलग-अलग होते हैं। यही कारण है कि आपको इसके बारे में पूरी तरह से पता होना चाहिए और इसके आधार पर अपने निवेश को चुनना चाहिए।

इक्विटी निवेश: दीर्घकालीन निवेश

डेटेड धन: कम जोखिम और स्थिर आय

हाइब्रिड निवेश: संतुलित लाभ और जोखिम

टैक्स बचाने वाले फंड (ELSS): करमुक्त होने के लिए

फंड के रिटर्न को देखें

किसी भी फंड मैनेजर को चुनते समय, इसका पिछले वर्षों का प्रदर्शन जरूर देखें। लेकिन धन चुनने का यह एकमात्र उपाय नहीं होना चाहिए। भूतकाल के रिटर्न के साथ कुछ अतिरिक्त बातों को भी विचार करना चाहिए। 5-10 वर्षों के दौरान फंड का प्रदर्शन, मार्केट अस्थिरता के दौरान इसके प्रबंधन और औसत रिटर्न फंड का कितना रहा है, सब कुछ देखना महत्वपूर्ण है।

फंड मैनेजर की योग्यता

म्युचुअल फंड का प्रदर्शन फंड मैनेजर की विशेषज्ञता और अनुभव से प्रभावित होता है। यही कारण है कि जिस फंड में आप निवेश कर रहे हैं, उसका फंड मैनेजर कैसा है और उसके पास क्या अनुभव है, यह बहुत महत्वपूर्ण है। फंड मैनेजरों को प्राथमिकता दें, उनके ट्रैक रिकॉर्ड और निवेश के दृष्टिकोण को जानें।

व्यय अनुपात, पोर्टफोलियों

म्यूचुअल फंड कंपनियां अपनी सेवाओं के लिए व्यय अनुपात कहती हैं। कम व्यय अनुपात वाले फंडों को चुनें क्योंकि यह आपके रिटर्न को प्रभावित करता है। फंड का पोर्टफोलियो देखें, जिसमें वह निवेश कर रहा है। निवेश रणनीतियाँ, जैसे वैल्यू या ग्रोथ इन्वेस्टिंग, जानें।

निवेश का समय

आपकी निवेश अवधि म्यूचुअल फंड का चुनाव करती है। आपके म्यूचुअल फंड का चयन अलग-अलग अवधि के निवेश से प्रभावित होता है। इसलिए इन बातों का विचार करें।

लघु काल (1 से 3 वर्ष): लिक्विड फंड्स या शॉर्ट-टर्म डेट फंड्स

मध्यम अवधि (तीन से पांच वर्ष): हाइब्रिड फंड्स या बैलेंस्ड फंड्स।

दीर्घकालिक (5 वर्ष से अधिक): इक्विटी निवेश

टैक्स विवरण

आपको अलग-अलग म्यूचुअल में निवेश करने पर भी टैक्स लगता है। यही कारण है कि आपके रिटर्न पर कितना टैक्स लगेगा, इसकी जानकारी होनी चाहिए।

इक्विटी निवेश: 1 वर्ष से पहले निकासी पर 15 प्रतिशत शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स
डेटेड धन: 3 साल से पहले निकासी पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स
टैक्स बचाने के लिए ELSS फंड चुनें।
नियमित रूप से निवेश करने की आदत डालें

निवेश करने के लिए SIP का उपयोग करें। SIP छोटे-छोटे निवेशों से बड़ा कोष बनाने का सबसे अच्छा तरीका है।

म्युचुअल फंड चुनते समय अपने वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता, और निवेश अवधि को प्राथमिकता दें। हमेशा पूरी जानकारी लेकर वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *