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BSNL के नाम पर साइबर ठगी:BSL की अवैध वेबसाइटों से बचें और इन बातों का ध्यान रखें।

5G नेटवर्क के आगमन से देश में मोबाइल टावर्स की संख्या निरंतर बढ़ रही है। Telecom कंपनियां शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।

Telecom कंपनियां टावर बनाने के बजाय जमीन किराया देती हैं। एक व्यक्ति का मासिक किराया हजारों से लाखों रुपये के बीच हो सकता है। इसलिए कई लोग छत या खाली जमीन पर मोबाइल टावर लगाना चाहते हैं। वहीं, मोबाइल टावरों के नाम पर ठगी करने वाले साइबर ठग भी इससे लाभ उठाते हैं।

 

भारत की सरकारी टेलिकॉम कंपनी BSNL ने ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सलाह दी है।

यह एडवाइजरी कहती है कि साइबर अपराधियों ने BSNL नामक एक फर्जी वेबसाइट बनाई है। वे BSNL का मोबाइल टावर इसमें लगाने का गलत दावा करते हैं। इस तरह की वेबसाइटों से पैसा खो सकते हैं या आपका डेटा चोरी हो सकता है। ऐसी वेबसाइटों से दूर रहें, इसलिए।

आज मुख्य खबरों पर चर्चा होगी: मोबाइल टावरों के नाम पर साइबर ठगों ने कैसे लोगों को निशाना बनाया? भी जानेंगे कि-

किस तरह की धोखाधड़ी से बचने के तरीके हैं?
मोबाइल टावर बनाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
विज्ञ: साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल, नई दिल्ली

मुसीबत: मोबाइल टावर का उपयोग करके साइबर ठगों ने कैसे लोगों को अपने जाल में फंसाया?

उत्तरः साइबर ठग जमीन या छत पर टावर लगाने के बदले लोगों को हर महीने बड़ी रकम देते हैं। साथ ही, वे टेलिकॉम कंपनी को नौकरी देने का वादा करते हैं। इसलिए वे आसानी से ठगी करते हैं।

 BSL ने इसके लिए क्या दिशानिर्देश जारी किए हैं?

BSNL ने एक ट्विटर पोस्ट में बताया कि साइबर अपराधियों ने bsnltowersite.in नामक एक वेबसाइट बनाई है। Ford ने यह लेख लिखा है। BSNL और BSL का नाम बहुत मिलता है। इसलिए लोग इसे पहली बार नहीं पहचान पाते।

यह वेबसाइट साइबर अपराधी BSNL का मोबाइल टावर बनाने के नाम पर धन ठगना चाहती हैं। ऐसी फर्जी वेबसाइटों से बचें। आपको BSNL में काम करने या मोबाइल टावर लगाने के नाम पर धोखा मिल सकता है। BSL से संबंधित किसी भी अपडेट को देखने के लिए नियमित रूप से उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

 मोबाइल टावर की धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या करें?

मोबाइल टावर स्कैम में पहली बार टेलिकॉम कंपनी का नाम बताया गया है। इसके बाद, वह चाहे आप कुछ भी नहीं करते हों, आपको कंपनी की पॉलिसी से मोटी कमाई करने का लालच देते हैं।

वह आपसे कंपनी में रजिस्ट्रेशन करने के लिए एक फाइल चार्ज मांगता है।

फोन करके टेलिकॉम कंपनी से मोबाइल टावर लगाने की विनती कभी नहीं करनी चाहिए। यदि आपको ऐसा कोई फोन मिलता है, तो उसे परेशान नहीं करना चाहिए। ये चित्र भी देखें।

 मोबाइल टावर बनाने का सर्वश्रेष्ठ उपाय क्या है?

उत्तरः मोबाइल टावर चलाने वाली कंपनी से पहले बात करें। टावर ऑपरेटिंग कंपनी के कार्यालय में जाना होगा। साथ ही आप वेबसाइट देख सकते हैं। कंपनी के प्रतिनिधि बाद में आपकी संपत्ति लेंगे।

सरकार ने मोबाइल टावरों के लिए कुछ कानून बनाए हैं। इन नियमों को पढ़कर आप जान सकेंगे कि आपकी संपत्ति में टावर लगाया जा सकता है या नहीं। निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करें:

100 मीटर के दायरे में कोई चिकित्सा संस्थान मोबाइल टावर पर नहीं होना चाहिए।
मोबाइल टावर को गांव में लगाने के लिए कम से कम 25,000 स्क्वायर फीट जमीन की आवश्यकता होगी। लेकिन शहर को 2,000 वर्ग फुट जमीन चाहिए।
टावर को इमारत की छत पर लगाने के लिए 600 स्क्वायर फीट से अधिक जगह चाहिए।
साथ ही, वे आवश्यक दस्तावेजों का विश्लेषण करते हैं। बाद में, कंपनी टावर लगाने पर सहमति बनाती है।

मोबाइल टावर खरीदने के लिए भी सिक्योरिटी खरीदने की आवश्यकता है?

नहीं, पूरी तरह से नहीं। यदि कोई मोबाइल कंपनी जमीन पर मोबाइल टावर लगा रही है, तो वह आपसे कोई सिक्योरिटी पैसा या पैसा नहीं मांग सकती। सब कुछ मोबाइल कंपनी खर्च करती है।

प्रश्न: मोबाइल टावर लगाने से पहले क्या नियमों का पालन किया जाना चाहिए?

उत्तर: भारतीय टेलिग्राफ राइट ऑफ वे (संशोधन) अधिनियम 2022 के अनुसार, निजी संपत्ति पर मोबाइल टावर लगाने के लिए किसी प्राधिकरण से मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। लेकिन टावर बनाने वाली संस्था लिखित जानकारी देनी चाहिए।

मोबाइल टावर बनाने का मूल्य क्या है?

टेलिकॉम कंपनी इसके लिए 5000 से 60 हजार रुपए प्रति महीने देती है। किराया स्थान, शहर और ऊंचाई पर निर्भर करता है।

मोबाइल टावर ठगी होने पर क्या करें?

अपराध होने पर स्थानीय पुलिस को सूचित करें। बाद में साइबर क्राइम की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें या 1930 राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर। इस मामले में साइबर पुलिस आपकी मदद करेगी।

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